ईज ऑफ डूइंग बिजनेस

दिंनाक: 07 Nov 2017 16:21:42

भारत अब विश्व में शीर्ष सुधारकों में से एक माना जाता है: प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी

जीएसटी के साथ हम एक आधुनिक कर व्यवस्था की ओर बढ़ रहे हैं जिसमें पारदर्शिता है, स्थिरता है और जिसका अनुमान लगाया जा सकता है: प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी

हम भारत को एक ज्ञान आधारित, कौशल से पूर्ण और प्रौद्योगिकी आधारित समाज के रूप में विकसित करना चाहते हैं: प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी

हमारा मंत्र है - रिफार्म, परफॉर्म और ट्रांसफॉर्म। हम आगे निरंतर और बेहतर करना चाहते हैं: प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी

माननीय प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी जी का आर्थिक दृष्टिकोण एवं नीतियां एक व्यापक परिवर्तन की आहट है। उनकी विदेश यात्राएं एवं भारत में उनके नये-नये प्रयोग एवं निर्णय नये भारत को निर्मित कर रहे हैं, विश्व बैंक ने भी इन स्थितियों को महसूस किया है, मोदी जी की संकल्प शक्ति को पहचाना है, तभी एक साथ 30 पोइंट का उछाल देकर नयी संभावनाओं को उजागर किया है।

विश्व बैंक ने भारत में विदेशी व्यापार की संभावनाओं को नई ऊर्जा दे दी है। इससे आशा की जाती है कि आने वाले समय में भारत में देसी एवं विदेशी निवेश की बाढ़ आएगी, क्योंकि दूसरे देशों की तुलना में भारत में व्यापार करना आसान हो गया है। विश्व बैंक ने व्यापार में सुगमता की वैश्विक रैंकिंग में भारत को 130 वें स्थान से उठाकर 100 वें स्थान पर स्थापित किया है। निश्चित ही यह देश के लिये आर्थिक एवं व्यापारिक दृष्टि से एक शुभ सूचना है, एक नयी रोशनी है एवं प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी के आर्थिक एवं व्यापारिक प्रयोगों एवं नीतियों की दिशा में सफलता का एक प्रमाण-पत्र है, जिससे लिये वे, उनकी पार्टी या समूचा देश उत्सव मनाये तो कोई अतिश्योक्ति नहीं है।

भारत की अर्थव्यवस्था को मजबूती प्रदान करने में सबसे अहम भूमिका उसके बढ़ते मार्केट की है। इस दृष्टि से भारत का 30 पायदान ऊपर सरकना भारत में विदेशी निवेश को प्रोत्साहित करेगा। दूसरे देशों की तुलना में भारत में व्यापार करना अब आसान हो गया है। इससे भारत को लेकर दुनिया में नई उम्मीद जगी है। संभावना है कि इन स्थितियों के कारण भारत का व्यापार भी विदेशों में बढ़ेगा।

निश्चित रूप से मोदी सरकार की आर्थिक नीतियों के कारण शेयर मार्केट से लेकर कमोटिडी मार्केट तक विदेशी कंपनियों को बेहतर रिटर्न भारत से ही मिल रहा है। यही कारण है कि वे इसे काफी तवज्जो दे रही है। उनका तो हाल यह है कि नीतियों को अनुमति मिलने से पहले ही वे निवेश के लिये तैयार हैं। मल्टी ब्रैंड रिटेल में एफडीआई की बात चली तो वॉलमार्ट, टेस्को वगैरह ने भारतीय रिटेल सेक्टर में निवेश के लिये उत्साह दिखाया है, सामने आये हैं। इधर अनिवासी भारतीयों ने भी निवेश बढ़ाना शुरू कर दिया है। ये भारत की अर्थ-व्यवस्था के लिये शुभ संकेेत हैं।

भारतीय वस्तुओं की साख और मांग विदेशी बाजारों में बढ़ती जा रही है। भारत ने नए बाजार तलाश लिए हैं और इनमें भारतीय सामानों को सराहा जा रहा है।